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Sunday, November 27, 2011

हम जीते और मरते एक ही बार हैं

उसने कहा तुममें पलहे जैसी बात नहीं
मैंने कहा ~ ज़िन्दगी में तेरा साथ नहीं
उसने कहा अब भी किसी की आँखों में डूब सकते हो
मैंने कहा ~ किसी की आँखों में वो बात नही
उसने कहा क्यूँ इतना टूट कर चाहा मुझे
मैंने कहा ~ मोहब्बत है कोई खयाल नहीं
उसने कहा क्या बेवफ़ा हूँ मैं ?
मैंने कहा ~ मुझे अब वफ़ा पर ऐतबार नहीं

उसने कहा तो भूल जाओ मुझे
मैंने कहा ~ तुम हकीक़त हो कोई ख़्वाब नहीं

उसने कहा किसी और से फिर से प्यार क्यूँ नहीं कर लेते
मैंने कहा ~ हम जीते और मरते एक ही बार हैं बार बार नही !! 

 

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