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Thursday, November 24, 2011

मुझे तुम .. “याद आते हो

ज़रा  ठहरो … “चले  जाना ”,
मुझे  कुछ .. “तुम  से  कहना  है ”,

ज़्यादा.. “वक़्त  नहीं  लूँगा ”,
ज़रा  सी    “बात   करनी    है ”,

न   दुःख  .. “अपने  सुनाने  हैं ”,
न  कोई .. “फ़रियाद करनी  है ”,

न  ये .. “मालूम  करना  है ”,
के अब .. “हालात कैसे  हैं ”,

तुम्हारे .. “हमसफ़र  थे  जो ”,
तुम्हारे , “साथ  कैसे  हैं ”,

न  ये .. “मालूम  करना  है ”,
तेरे .. “दिन  रात  कैसे  हैं ”,

मुझे  बस .. “इतना  कहना  है ”,
मुझे  तुम .. “याद  आते  हो “,

“बहुत  ही  याद  आते  हो ……!!!!


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