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Wednesday, November 30, 2011

तेरी याद


कभी हमें हँसा जाती है,
कभी रुलाती है ..... तेरी याद ! 

कभी तन्हाई में महफ़िल सजाती है,
कभी महफ़िल में तन्हा कर जाती है .... तेरी याद !

कभी तेरे होने का यकीन दिलाती है
कभी तेरी कमी का एहसास जगाती है 

कभी मेरे ख़्वाबो को सजाती है
कभी हकीक़त से रूबरू करवाती है 

कभी ख़ुशी की वजह बनजाती है
कभी ग़म का सबब होती है 

कभी तेरा प्यार ले आती है
कभी मेरी जान लेजाती है 

कभी दिलको सुकून देजाती है
कभी बहुत तडपाती है 

अब आजाओ के बहुत आती है ---तेरी याद !!

1 comment:

  1. addbhut bhavo ka sangam hai apki is rachana me..
    dil ko bha gayi apki yah rachana ..
    tarif me shabd nahi....

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