बदलों के रंग भी अजीब होते हैं ,
ज़िन्दगी की तरह !
कभी बरसते हैं - भिगो जाते हैं ,
सावन की तरह !
कभी तन्हाई में दिखाई नहीं देते ,
अश्कों की तरह !
हर रंग में कुछ छुपा है राज़ ,
बंद मुट्ठी में किस्मत की तरह !
कुछ " ख्व़ाब " अब भी बसे इन आखों में " कल्प "
बचपन की तरह !!
~ ♥ कल्प ♥ ~
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