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Friday, September 20, 2013


बदलों के रंग भी अजीब होते हैं ,
ज़िन्दगी की तरह !

कभी बरसते हैं - भिगो जाते हैं ,
सावन की तरह !

कभी तन्हाई में दिखाई  नहीं देते ,
अश्कों की तरह !

हर रंग में कुछ छुपा है राज़ ,
बंद मुट्ठी में किस्मत की तरह !

कुछ " ख्व़ाब " अब भी बसे इन आखों  में " कल्प "

बचपन की तरह !!

~ ♥ कल्प ♥ ~

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