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Tuesday, January 3, 2012

ये ख्वाबों ख्यालों की दुनिया भी अजीब होती है

ये ख्वाबों ख्यालों की दुनिया भी अजीब होती है...
हम अपनी हर ख्वाहिश , हर आरजू को पूरा करते हैं...

हक़ीकत की दुनिया में तो यूँ भी दर्द बहुत हैं...
ख़्वाबों की दुनिया में ही जीना बेहतर लगता है...

खुद को हम , खुद के बहुत करीब पाते हैं...
हर ग़म को ख़ुशी से गले लगाते हैं...
अपनी चाहतों को पहचानते हैं...
वक़्त को रोक के , उसमे प्यार के रंग भरते हैं...
जीते हैं और , हंसते हैं हम फिर से साथ - साथ...

या शायद कभी ठहरे हुए लम्हों में
हम मरते हैं फिर साथ - साथ...

ये ख्वाबों ख्यालों की दुनिया भी अजीब होती है...~♥ कल्प ♥~





3 comments:

  1. खुद को हम , खुद के बहुत करीब पाते हैं...
    हर ग़म को ख़ुशी से गले लगाते हैं...
    ..... बेह्तरीन पोस्ट
    कुछ लाइने दिल के बडे करीब से गुज़र गई....

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  2. sach kaha ji khayalo me sab pas najar aata hai...
    behatarin rachana....
    dil ko chhu lenewali rachana hai.....

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  3. bahut bahut shukriya...sanjay ji and reena ji....

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