Me On Facebook

Tuesday, December 6, 2011

किसी अजनबी की बातें

कभी रात भर के झगड़े कभी चाहतों की बातें,

वही आप ही के किस्से वही आप ही  की बातें,

वो मिला है मुझको अक्सर सर-ए-राह चलते चलते,

वही अजनबी निगाहें वही बेरुख़ी की बातें,

न समझ सका जहां मैं कोई मेरा दर्द यारों,

मेरे ग़म को लोग समझे मेरी शायरी की बातें,

कोई हमको ये बताये ये जुनून नहीं तो क्या है ..?

मिले जब भी हम किसी से करें आप ही की बातें,

मेरे हाल पर वो यारों कुछ ऐसे मुस्कुराये,

के वो सुन रहे हों जैसे किसी अजनबी की बातें !!

1 comment:

  1. jab pyar hai to har waqt har jagah bas whi hai or hai usaki bate,,,
    gahan jajbat liye sundar bhav rachana...

    ReplyDelete