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Tuesday, December 20, 2011

माँ

मेरी माँ के आँचल की एक बात बड़ी ही प्यारी है
जब सर रखकर सो जाता हूँ तो याद नहीं कुछ रहता है
अल्लाह के सजदे में झुकना
बिल्कुल माँ के आँचल में सोने जैसा है !!




उसकी दुआ का रंग कोई धो नही सकता
ममता का बीज कोई और बो नही सकता
रहमान हो , सुलतान हो , भगवान् हो भला
माँ से बड़ा, माँ से अच्छा कोई हो नही सकता !!

2 comments:

  1. बहुत ही प्यारी सी कविता..माँ ऐसी ही होती है..ईश्वर समान .

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  2. maa shabd hi bahut mamta vibhor kar dene wala hai
    bahut sundar kavita

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