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Thursday, December 1, 2011

ज़रूरत नहीं मुझे

जब तू साथ है तो किसी की ज़रूरत नहीं मुझे
हर तरफ अँधेरा है पर रौशनी की ज़रूरत नहीं मुझे,

कोई रहता है हर वक़्त ख्यालों में इस तरह
के ख़वाब देखने की ज़रूरत नहीं मुझे,

एक दोस्त है जो बाँट लेता है हर दुःख मेरा
हर किसी को अपना ग़म बताने की ज़रूरत नहीं मुझे,

उसकी हर बात लाजवाब है मेरे लिए
उसकी तारीफ़ करने की ज़रूरत नहीं मुझे,

उसकी आँखों की कशिश कहीं जाने नहीं देती मुझे
उसके इलावा किसी को अपना बनाने की ज़रूरत नहीं मुझे !!

1 comment:

  1. kisi ke liye behad pyar ho to aisa hi hota hai...
    sundar ahsas, sundar abhivykti..

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