हुआ जो कुछ, भुलाना चाहिए था
उसे अब लौट आना चाहिए था,
ये सारा बोझ मेरे सर पे क्यूँ है?
उसे भी ग़म उठाना चाहिए था
क्यूँ चुप चाप ही तालुक़ तोड़ दिया
उसे पहले बताना चाहिए था,
उसी की याद की ख़ुशबू है दिल में
मुझे जिस को भुलाना चाहिए था,
ज़रा ग़लती पे मुझ से रूठ बता
उसे क्या बस ….!!!! बहाना चाहिए था,
मुझे पा कर उसे क्या चैन मिलता !
जिसे सारा ज़माना चाहिए था..!!!
उसे अब लौट आना चाहिए था,
ये सारा बोझ मेरे सर पे क्यूँ है?
उसे भी ग़म उठाना चाहिए था
क्यूँ चुप चाप ही तालुक़ तोड़ दिया
उसे पहले बताना चाहिए था,
उसी की याद की ख़ुशबू है दिल में
मुझे जिस को भुलाना चाहिए था,
ज़रा ग़लती पे मुझ से रूठ बता
उसे क्या बस ….!!!! बहाना चाहिए था,
मुझे पा कर उसे क्या चैन मिलता !
जिसे सारा ज़माना चाहिए था..!!!
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