न तुझे छोड़ सकते हैं, तेरे हो भी नहीं सकते,
ये कैसी बेबसी है आज, हम रो भी नहीं सकते !
ये कैसा दर्द है , पल - पल हमें तडपाये रखता है,
तुम्हारी याद आती है तो फिर, सो भी नहीं सकते !
छुपा सकते हैं, और न दिखा सकते हैं लोगों को,
कुछ ऐसे दाग़ हैं दिल पर, जो हम धो भी नहीं सकते !
कहा तो था छोड़ देंगे तुम को , फिर रुक गए लेकिन,
तुम्हें पा तो नहीं सकते, मगर छोड़ भी नहीं सकते !
हमारा एक होना भी , नहीं मुमकिन रहा अब तो,
जियें कैसे, कि तुम से दूर हो के रह भी नहीं सकते !!
talash kr meri kami ko apne is bedard dil me.......
ReplyDeletedard ho to samajh lena mohabbat ab bhi baki hai......ALOK VERMA.
pyar ka hona,,fir use na pa sakane ki tadap...
ReplyDeletebahut hi gahare bhav se likhi sundar rachana hai...
mauryareena.blogspot.com
mere blog par apka hardik swagat hai...