अपने हाथों से यूँ चेहरा छुपाते क्यूँ हो
मुझसे शरमाते हो तो सामने आते क्यूँ हो
तुम कभी मेरी तरह कर भी लो इकरार - ए - वफ़ा
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूँ हो
अश्क आँखों में मेरी देख के रोते क्यूँ हो
दिल भर आता है तो फिर दिल को दुखाते क्यूँ हो
उनसे वाबस्ता है जब मेरा मुक़द्दर फिर तुम
मेरे शानों से ये ज़ुल्फ़ अपनी हटाते क्यूँ हो
रोज़ मर -मर के मुझे जीने को कहते क्यूँ हो
मिलने आते हो तो लौट के जाते क्यूँ हो !!.
मुझसे शरमाते हो तो सामने आते क्यूँ हो
तुम कभी मेरी तरह कर भी लो इकरार - ए - वफ़ा
प्यार करते हो तो फिर प्यार छुपाते क्यूँ हो
अश्क आँखों में मेरी देख के रोते क्यूँ हो
दिल भर आता है तो फिर दिल को दुखाते क्यूँ हो
उनसे वाबस्ता है जब मेरा मुक़द्दर फिर तुम
मेरे शानों से ये ज़ुल्फ़ अपनी हटाते क्यूँ हो
रोज़ मर -मर के मुझे जीने को कहते क्यूँ हो
मिलने आते हो तो लौट के जाते क्यूँ हो !!.
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