हर लम्हा गीत बन जाता है तेरे पहलू में आ के
जो तू गुनगुना दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरी साँस से देखी हर - सु महेकती खुशबू
जो तू मुस्कुरा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरे सिमटे गेसू जैसे आसमान बंधा हो
जो तू लहरा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
लाख मोती लगे हैं तेरे हाथ मेहँदी के
जो तू लुटा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरे नक़ाब ने बना दिया चर्चा शहर में
जो तू हटा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
कई राज़ छुपे हैं ज़माने की इन आँखों में
जो तू बता दे तो ख़ुदा जाने क्या हो !!
जो तू गुनगुना दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरी साँस से देखी हर - सु महेकती खुशबू
जो तू मुस्कुरा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरे सिमटे गेसू जैसे आसमान बंधा हो
जो तू लहरा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
लाख मोती लगे हैं तेरे हाथ मेहँदी के
जो तू लुटा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
तेरे नक़ाब ने बना दिया चर्चा शहर में
जो तू हटा दे तो ख़ुदा जाने क्या हो
कई राज़ छुपे हैं ज़माने की इन आँखों में
जो तू बता दे तो ख़ुदा जाने क्या हो !!
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